Friday, October 8, 2010

jeevan path

इस चढाव पर चढ़ न सकोगे, उस उतार पर जा न सकोगे!
तो तुम घर मरने का ढूँढो, जीवन पथ अपना न सकोगे!

Tuesday, September 28, 2010

sensible messages





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romance

रोमाँस कि किताब पढके हमने कहा "जानु, एक कप चाय मिलेगि"। उनहोने कहा "मेरा सर फट रहा है, तुम मेरे लिये भि बना दो, फिर खाना बना लेना।
मेरे पडोसि के यहाँ से आवाज आयि "जलदि से चाय लाऒ" फिर आवाज आइ "दो मिनट, पकोडे भि लाति हु"

nidarr

मैं दर्द से नहीं डरता, बसरते मुझे पहले कोई बेहोश तो करे!

masoomiyat

मेरा शादी करना अपने आप में एक महत्वपूर्ण मासूमियत का परिचय है

sirdard

मैंने सोचा ''जब कभी दर्द नहीं मिलता, तो मुझे दर्द होता है "! अगले ही
क्स्शन रसोई घर से मेरे हमसफ़र ने एक बेलन मेरे सर की और चलाई और सारा
दर्द रफ्फु चक्कर हो गया!

naraazgi

हमने उनकी नाराज़गी के वक़्त इतना तवील रखा की उन्होंने हम्हारे बगैर ही जीना सीख लिया!

पलकें भी जरा संभाल के झपकाना क्यूँ की झपकने से अक्सर सपने बदल जाते हैं!

 

 

jehar

पति (बीवी से फोन पर): आज खाने में क्या पकाया है?
बीवी (गुस्से में): जहर।
पति: तब तुम खाकर सो जाओ मैं जरा देरी से आऊंगा।

cc

युवक आखिरी सांसें ले रहा था।
उसने अपने छोटे भाई से पत्र लिखवाया और बोला, 'यह खत उमा को दे देना।' 

पत्र में लिखा था: 'आखिरी वक्त में भी मुझे तुम्हारी याद आती रही।'

फिर करवट बदलकर बोला: 'इसकी एक कॉपी मोनिका, रजनी, नीरू, मीनू और रोजी को भी भेज
देना।

5 lifecycle stages

Wednesday, August 4, 2010

Shu-kriya

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