Saturday, December 11, 2010
Wednesday, December 1, 2010
Sunday, October 24, 2010
Saturday, October 16, 2010
Friday, October 8, 2010
jeevan path
इस चढाव पर चढ़ न सकोगे, उस उतार पर जा न सकोगे!
तो तुम घर मरने का ढूँढो, जीवन पथ अपना न सकोगे!
तो तुम घर मरने का ढूँढो, जीवन पथ अपना न सकोगे!
Wednesday, October 6, 2010
Wednesday, September 29, 2010
Tuesday, September 28, 2010
romance
रोमाँस कि किताब पढके हमने कहा "जानु, एक कप चाय मिलेगि"। उनहोने कहा "मेरा सर फट रहा है, तुम मेरे लिये भि बना दो, फिर खाना बना लेना।
मेरे पडोसि के यहाँ से आवाज आयि "जलदि से चाय लाऒ" फिर आवाज आइ "दो मिनट, पकोडे भि लाति हु"
sirdard
मैंने सोचा ''जब कभी दर्द नहीं मिलता, तो मुझे दर्द होता है "! अगले ही
क्स्शन रसोई घर से मेरे हमसफ़र ने एक बेलन मेरे सर की और चलाई और सारा
दर्द रफ्फु चक्कर हो गया!
naraazgi
हमने उनकी नाराज़गी के वक़्त इतना तवील रखा की उन्होंने हम्हारे बगैर ही जीना सीख लिया!
पलकें भी जरा संभाल के झपकाना क्यूँ की झपकने से अक्सर सपने बदल जाते हैं!
jehar
पति (बीवी से फोन पर): आज खाने में क्या पकाया है?
बीवी (गुस्से में): जहर।
पति: तब तुम खाकर सो जाओ मैं जरा देरी से आऊंगा।
cc
युवक आखिरी सांसें ले रहा था।
उसने अपने छोटे भाई से पत्र लिखवाया और बोला, 'यह खत उमा को दे देना।'
पत्र में लिखा था: 'आखिरी वक्त में भी मुझे तुम्हारी याद आती रही।'
फिर करवट बदलकर बोला: 'इसकी एक कॉपी मोनिका, रजनी, नीरू, मीनू और रोजी को भी भेज
देना।
उसने अपने छोटे भाई से पत्र लिखवाया और बोला, 'यह खत उमा को दे देना।'
पत्र में लिखा था: 'आखिरी वक्त में भी मुझे तुम्हारी याद आती रही।'
फिर करवट बदलकर बोला: 'इसकी एक कॉपी मोनिका, रजनी, नीरू, मीनू और रोजी को भी भेज
देना।
Saturday, August 14, 2010
Wednesday, August 4, 2010
Shu-kriya
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Monday, August 2, 2010
Sunday, August 1, 2010
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