शादी के पहले वर्ष ही मैं अपनी अर्धांगिनी का जन्मदिन भूल गया!
शाम को जब दफ्तर से लौटा, तो उनका उग्र रूप देख कर मैं आधा हो गया !
उन्होंने कहा 'कुछ याद आया?' मैंने तुर्रंत कहा 'मुझे सब याद है, आज अपनी शादी की साल गिरह है "
उन्होंने कहा 'ज़रा पास आओ'! अपने दोनों गालो पे हाथ रखते हुएं मैंने कहा 'तुम्हारा जन्म दिन हैं"
पत्नी ' बच गए '! हमने कहा ' मैं तारिक भूला था, जन्मा दिन नहीं
शाम को जब दफ्तर से लौटा, तो उनका उग्र रूप देख कर मैं आधा हो गया !
उन्होंने कहा 'कुछ याद आया?' मैंने तुर्रंत कहा 'मुझे सब याद है, आज अपनी शादी की साल गिरह है "
उन्होंने कहा 'ज़रा पास आओ'! अपने दोनों गालो पे हाथ रखते हुएं मैंने कहा 'तुम्हारा जन्म दिन हैं"
पत्नी ' बच गए '! हमने कहा ' मैं तारिक भूला था, जन्मा दिन नहीं
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